रूस से समझौते की राह पर यूक्रेन, मौतों के लिए पश्चिमी देशों को ठहराया जिम्मेदार, जेलेंस्की बोले- अब NATO में नहीं होना चाहते शामिल

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न्यूज जंक्शन 24, नई दिल्ली। यूक्रेन और रूस के बीच छिड़ी जंग के 13 दिन बीतने के बाद अब युद्ध को खत्म करने के संकेत मिलने लगे हैं। अभी तक रूस से हर मोर्चे पर लोहा लेने को तैयार दिख रहे यूक्रेनियन राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की (Volodymyr Zelensky) ने रूस से वार्ता कर समझौते के संकेत दिए हैं। उन्होंने रूस के हमलों के लिए पश्चिमी देशों को जिम्मेदार भी ठहराया है।

इस जंग के पीछे मुख्य वजह यूक्रेन के नाटो की सदस्यता लेने की तैयारी थी। मगर अब यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की (Volodymyr Zelensky) ने कहा है कि वह नाटो की सदस्यता के लिए ज्यादा जोर नहीं दे रहे हैं। मास्को के साथ शांति कायम करने के उद्देश्य से संकेत देते हुए जेलेंस्की ने कहा कि, वह दो अलग-अलग रूसी समर्थक क्षेत्रों की स्थिति पर समझौता करने के लिए तैयार हैं, जिसे राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने 24 फरवरी को हमला शुरू करने से ठीक पहले स्वतंत्र क्षेत्र के रूप में मान्यता दी थी।

वोलोदिमीर जेलेंस्की (Volodymyr Zelensky) ने एबीसी न्यूज पर प्रसारित एक इंटरव्यू में कहा कि, जब हम समझ गए कि नाटो यूक्रेन को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है, तो मैं बहुत पहले इस सवाल को लेकर शांत हो गया।” उन्होंने यह भी कहा कि यह गठबंधन विवादास्पद मुद्दों और रूस के साथ टकराव से डरता है।

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन चाहते हैं कि यूक्रेन को भी संप्रभु और स्वतंत्र देश के तौर पर देखा जाए, जब एबीसी न्यूज ने उनसे रूस की इस मांग के बारे में पूछा, तो ज़ेलेंस्की (Volodymyr Zelensky) ने कहा कि वह बातचीत के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि, मैं सुरक्षा की गारंटी को लेकर बात कर रहा हूं।

मौतों के लिए रूस नहीं पश्चिमी देश जिम्मेदार

युद्ध में यूक्रेन (Ukraine-Russia War) की बर्बादी के लिए राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की (Volodymyr Zelensky) ने पश्चिमी देशों को जिम्मेदार भी ठहराया है। जेलेंस्की ने पश्चिमी देशों पर आरोप लगाया है कि उन्होंने यूक्रेन के शहरों और नागरिकों को रूस के हमले से नहीं बचाया। राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन में युद्ध के दौरान हुई हत्याओं के लिए रूस को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है, जबकि जिम्मेदारी पश्चिमी देशों की भी बनती थी, जो 13 दिनों तक ऑफिस में बैठे रहे और कोई भी फैसला करने में असमर्थ रहे व हमारे शहरों को बम और मिसाइल के हमलों से बचाने में नाकामयाब रहे। जेलेंस्की ने पश्चिमी राष्ट्रों पर आरोप लगाते हुए कहा कि पश्चिमी देश ‘नो फ्लाई ज़ोन’ का आदेश समेत रूस के हमले को रोकने के लिए किसी भी तरह का कदम उठाने में विफल रहे। वे यूक्रेन को रूस की बमबारी और मिसाइल हमलों से बचा सकते थे।

नाटो के मुद्दे पर नाराज था रूस

NATO के मुद्दे को लेकर ही रूस यूक्रेन से नाराज था। रूस ने कहा था कि वह नहीं चाहता है कि यूक्रेन NATO में शामिल हो। यूरोप को सोवियत संघ से बचाने के लिए शीत युद्ध की शुरुआत में बनाया गया नॉर्थ अटलांटिक संधि संगठन है और हाल के वर्षों में NATO ने पूर्व सोवियत ब्लॉक देशों को अपने संगठन में शामिल करने और इसका विस्तार करने के लिए क्रेमलिन को भड़का दिया था। रूस नाटो के विस्तार को एक खतरे के तौर पर देखता है।

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