UP से बड़ी खबर, सरकार ने CAA आंदोलन से हुए नुकसान की भरपाई के नोटिस लिए वापस

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न्यूज जंक्शन 24, लखनऊ। उत्तर प्रदेश को लेकर बड़ी खबर है। यूपी सरकार ने संशोधित नागरिकता कानून (CAA) के विरोध में प्रदर्शन (CAA Protest) करने वालों के विरुद्ध शुरू की गई समस्त कार्रवाई और भरपाई के लिए जारी नोटिस वापस ले लिए हैं। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट को सरकार की ओर से यह जानकारी दी गई। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने अब तक की गई वसूली को लौटाने के आदेश दिए हैं। हालांकि शीर्ष कोर्ट ने यूपी सरकार को नए कानून के तहत कार्रवाई करने की आजादी दे दी है।

2019 में सीएए (CAA) को संसद में पास कराने के दौरान देश भर में प्रदर्शन शुरू हो गए थे। इसे लेकर दंगे भी हुए, जिसमें सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचा। उत्तर प्रदेश भी इससे अछूता नहीं रहा था। यूपी में भी प्रदर्शन (CAA Protest) के दौरान कई सरकार व निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया। जिस पर एक्शन लेते हुए सरकार ने प्रदर्शनकारियों की पहचान कर उनसे इस नुकसान की भरपाई करने का आदेश जारी किया था। इसके बाद 274 लोगों पर शिकंजा कसा गया और उन्हें नोटिस भेजा गया। इसके खिलाफ कुछ लोग सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए और याचिका दाखिल कर दी। याचिका में यूपी सरकार द्वारा जारी वसूली के नोटिसों को खारिज करने की मांग की गई थी। याचिकाकर्ता परवेज आरिफ टीटू ने कोर्ट से इन नोटिस को मनमाना व कानून के खिलाफ बताते हुए खारिज करने का आग्रह किया था। उन्होंने कहा था कि जिला प्रशासन द्वारा मनमाने ढंग से नोटिस भेजे गए। एक नोटिस तो छह साल पहले 94 साल की उम्र में दिवंगत हो चुके व्यक्ति को भेजा गया।

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इसी याचिका पर सुनवाई के दौरान शुक्रवार को सरकार की आेर से कोर्ट को बताया गया कि सरकार ने नुकसान की भरपाई के इन नोटिसों को 13 और 14 फरवरी को वापस ले लिया है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने अब तक की गई वसूली की रकम लौटाने के निर्देश दिए। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड व जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने कहा कि यूपी सरकार प्रदर्शनकारियों से वसूली गई करोड़ों रुपये की राशि लौटाए।

सरकार नए कानून के तहत कर सकती है कार्रवाई

इस आदेश के साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को नए कानून के तहत कार्रवाई करने की आजादी भी दे दी है। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड व जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने ने यूपी सरकार को सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों (CAA Protest) के खिलाफ नए कानून ‘उत्तर प्रदेश सार्वजनिक और निजी संपत्ति के नुकसान की वसूली अधिनियम’ के तहत कार्यवाही की आजादी दी है। यह कानून 31 अगस्त 2020 को अधिसूचित किया गया था। पीठ ने अतिरिक्त महाविधक्ता गरिमा प्रसाद की यह दलील मानने से इनकार कर दिया कि वसूल राशि के रिफंड की बजाए प्रदर्शनकारियों व राज्य सरकार को इसके लिए ट्रिब्यूनल में जाने को कहा जाना चाहिए। इससे पहले 11 फरवरी को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों (CAA Protest) को दिसंबर 2019 में जारी वसूली नोटिसों को लेकर यूपी सरकार की खिंचाई की थी। कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस वापस लेने के लिए अंतिम अवसर देते हुए चेतावनी दी थी कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो वह कानून का उल्लंघन करने वाले इन नोटिसों को कानून को खारिज कर देगी।

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