Disaster in Uttarakhand : मुख्यमंत्री की सक्रियता को सलाम, जेसीबी चालक को जब सीएम ने मिला दिया मोबाइल और की यह बात…

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न्यूज जंक्शन 24, हल्द्वानी : सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिह धामी disaster के दौरान पूरी तरह सक्रिय बने हुए हैं। उन्होंने disaster में क्षतिग्रस्त गौलापुल का देर शाम स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने सड़कों को तत्काल खोलने और लोगों को राहत पहुंचाने में पूरी मदद करने के लिए अफसरों को निर्देशित किया। यहां तक नैनीताल मार्ग खोलने में लगी एक जेसीबी के चालक से उन्होंने खुद वार्ता कर प्रगति भी जानी।

मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि मौसम साफ होते ही जल्द पुल की मरम्मत का कार्य प्रारम्भ कर दिया जायेगा। उन्होने कहा    disaster  प्रभावितो को सरकार हर सम्भव मदद करेगी। उन्होने कहा कि disaster में मृतक परिजनों को 4 लाख की राहत धनराशि दी जायेगी, साथ ही भवन क्षति पशु क्षति आदि पर भी मानकों के अनुरूप शीघ्र सहायता राशि दी जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने राज्य सरकार को हर मदद का भरोसा दिलाया है। उन्होनेे कहा वायु सेना के हैलीकाप्टर भी रैस्क्यू के लिए भेज दिये है। जो पर्यटक मार्ग अवरूद्व होने से रास्तों मे फंसे है उन्हे तुरन्त सुरक्षित स्थानों पर पहुचाया जा रहा है। उन्होने कहा कि  disaster  की घडी में सभी संयम बरतें कुछ ही समय में परिस्थितियां मे सुधार लाया जायेगा।

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इसके उपरान्त मुख्यमंत्री श्री धामी ने सर्किट हाउस मे मण्डल मेें आपदा स्थिति की विस्तृत जानकारियां उच्च अधिकारियों से ली। उन्होने निर्देश दिये कि मृतकों का पोस्टमार्टम वही पर करें तथा मृतक आश्रितों को तत्काल मुआवजा दिया जाए। इसके लिए जिलाधिकारी को धनराशि उपलब्ध करा दी है। उन्होने कहा आपदा राहत बचाव हेतु हैलीकाप्टर की जरूरत हो तो तुरन्त लगाये जांए।

उन्होने कहा अधिकारी राहत- बचाव कार्य युद्व स्तर पर करें, घर का काम समझ कर करें, सभी जनता व जनप्रतिनिधियों एवं स्वयं सेवकों का भी सहयोग भी लिया जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि पहाडी क्षेत्र कुमाऊ का  disaster  कन्ट्रोल रूम हल्द्वानी मे बनाया जाए तथा उधमसिह नगर का कन्ट्रोल रूम उधमसिह नगर मे बनाया जाए। दोनों कन्ट्रोल रूम चौबीस घंटे संचालित किये जांए तथा इनमे कर्मचारियों के साथ ही नोडल अधिकारी तैनात किये जांए।

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मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि सडकें टूटने व मलूवा आने से सडकें अवरूद्व हैं जिससे क्षेत्रीय जनता व पर्यटक मार्गों मे फंसे है। उन्होने बन्द सडक मार्ग खोलने हेतु आज से ही अधिक से अधिक जेसीबी, पोकलैण्ड मशीनें लगाकर सडकें सुचारू करने के निर्देश देते हुये फंसे पर्यटकों व जनता को निकालने के निर्देश दिये।

उन्होने कहा कि  disaster  क्षेत्रों में राशन की कतई कमी ना हो तथा मार्गाे व  आपदाग्रस्त क्षेत्रों मेंं पकापकाया भोजन व्यवस्था के साथ ही पेयजल व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, धन की कोई कमी नही है। उन्होने आपदा के दौरान ध्वस्त विद्युत, पेयजल लाइनें भी शीघ्र मरम्मत कर सुचारू करने के निर्देश दिये ताकि जनता को अनावश्यक परेशानियों का सामना ना करना पडे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा में क्षतिग्रस्त नुकसान का शीघ्र आंकलन करें तथा आपदा मे ध्वस्त कार्यो को तुरन्त प्रारम्भ करें साथ ही उन्होेने कहा कि आपदा कार्यो के लिए क्वारी भी तुरन्त स्वीकृत की जाए।

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आयुक्त सुशील कुमार व डीआईजी नीलेश आनन्द भरणे ने बताया कि आपदा राहत बचाव हेतु आपदा क्षेत्रों मे राजस्व, पुलिस के साथ ही एडीआरएफ, एनडीआरएफ व सेना भी लगाई गई है। आयुक्त ने बताया कि नैनीताल शहर जाने हेतु सभी सडकें बन्द हो गई थी। नैनीताल-कालाढूगी सडक मार्ग खोल दिया गया है। जबकि हल्द्वानी-ज्योलीकोटी-नैनीताल, नैनीताल-भवाली सडक मार्ग देर रात तक खोल दिया जायेगा। मुख्यमंत्री श्री धामी ने सडक मार्ग खोलने मे लगे जेसीबी चालक से फोन पर वार्ता भी की।

बैठक में कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत, धनसिह रावत, विधायक नवीन दुम्का, महापौर डा0 जोगेन्द्र सिह रौतेला, जिलाध्यक्ष प्रदीप बिष्ट, प्रदेश प्रवक्ता प्रकाश रावत, उपाध्यक्ष अल्पसंख्यक आयोग मजहर नईम नवाब,अनिल कपूर डब्बू, प्रकाश हर्बोला,धू्रव रौतेला, शंकर कोरंगा, चन्दन बिष्ट सहित डीजीपी अशोक कुमार,अपर जिलाधिकारी अशोक जोशी सहित विभिन्न विभागों के उच्चाधिकारी मौजूद थे।