चमत्कार : शिव मंदिर के ऊपर चार बार गिरी आकाशीय बिजली, अंदर फर्श पर उभर आया त्रिशूल का निशान

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मंदिर के फर्श पर उभरा त्रिशूल का निशान।
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नई दिल्ली। हरियाणा में एक चमत्कारिक घटना घटी है। यहां करनाल जिले के मदनपुर गांव में बारिश के दौरान चार बार आकाशीय बिजली गिरी, इस दौरान गांव के शिव मंदिर का गुंबद आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गया, जबकि मंदिर के अंदर फर्श पर त्रिशूल का निशान उभर अाया। गांव वाले इसे भगवान शिव की महिमा और चमत्कार बता रहे हैं। घटना दो दिन पहले शनिवार की है। यह घटना अब सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हाे रहा है।

शनिवार की शाम गांव में जोरदार बारिश हो रही थी। इस दौरान आसमानी बिजली की गर्जना से ग्रामीण सहम उठे। झमाझम बारिश के बीच गांव में चार बार बिजली गिरी। इस दौरान गांव के पुराने शिव मंदिर में जोरदार धमाके के साथ धुआं उठने लगा। बारिश थमने के बाद आसपास के ग्रामीणों ने मंदिर परिसर पहुंच कर देखा तो गुबंद का ऊपरी हिस्सा और दीवारें क्षतिग्रस्त नजर आईं। वहीं त्रिशूल का निशान फर्श पर बना देखा तो लोग हतप्रभ रह गए। लोगों ने इसे मोबाइल कैमरे में कैद कर एक-दूसरे से शेयर किया और देखते ही देखते यह सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। ग्रामीणों का कहना है कि भगवान शिव ने बड़े संकट को अपने ऊपर ले लिया, जिससे हादसा टल गया। मामले में ग्रामीणों ने प्रशासन से मंदिर के क्षतिग्रस्त हिस्से के पुनर्निर्माण की गुहार लगाई है।

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आकाशीय बिजली से क्षतिग्रस्त शिव मंदिर का गुंबद (लाल घेरे में)।

वहीं, नगर निगम के पार्षद प्रतिनिधि राजेंद्र सिंह, सचदेव कश्यप, रविंद्र, अमन व बनवारी ने बताया कि मंदिर का गुंबद लगभग 90 फुट ऊंचा है, जिसमें ऊपर का लगभग 10 फीट हिस्सा आसमानी बिजली गिरने से क्षतिग्रस्त हो गया है। उन्होंने बताया कि बारिश के दौरान ही आसमानी बिजली गिरने पर जोरदार धमाका हुआ। धमाका इतना जोरदार था कि मंदिर का मलबा आसपास के घरों तक जा गिरा। गनीमत यह रही कि बारिश के दौरान कोई ग्रामीण घर से बाहर नहीं था।

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बिजली गिरने से ग्रामीणों के अधिकतर बिजली उपकरण मीटर, इनवर्टर, पंखे आदि जल गए। जिन उपकरणों के स्विच बंद थे, वे भी जल गए हैं। उन्होंने बताया कि आसमानी बिजली गुंबद से होती हुई अंदर तक गई लेकिन मंदिर के अंदर कोई नुकसान नहीं हुआ। ग्रामीणों ने इसे भगवान शिव की महिमा और चमत्कार करार दिया।

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ग्रामीणों कहना है कि जैसे पृथ्वी को संकट से बचाने के लिए भगवान ने कभी समुद्र से निकला विष स्वयं ग्रहण कर लिया था, उसी प्रकार क्षेत्रवासियों के संकट को उन्होंने अपने शीर्ष पर धारण कर लिया। क्षेत्रवासियों ने प्रशासन से मंदिर के क्षतिग्रस्त हिस्से का निरीक्षण कर पुनर्निर्माण की मांग उठाई है, ताकि भविष्य में किसी तरह की अनहोनी न हो।

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