Mobile Court : अब आपके दरवाजे पर लगेगी ‘अदालत’, जज साहब ‘घर’ आकर सुनाएंगे फैसला। पढ़िये नई व्यवस्था

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नैनीताल। उत्तराखंड हाई कोर्ट तेलंगाना की तर्ज पर अब राज्य में भी मोबाइल ई कोर्ट की शुरुआत करने जा रहा है। इसकी शुरुआत 15 अगस्त से होगी। फिलहाल राज्य के पांच पर्वतीय जिलों के वादकारियों को इससे लाभ होगा। यहां यह प्रोजेक्ट अगर सफल रहा तो जल्द ही सभी 13 जिलों में यह मोबाइल अदालतों का संचालन किया जाएगा।

इसे लेकर शुक्रवार को हाईकोर्ट परिसर में रजिस्ट्रार जनरल धनंजय चतुर्वेदी व रजिस्ट्रार कम्प्यूटर अम्बिका पंत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने बताया कि दूरस्थ पहाड़ी इलाकों में महिला व बच्चों को खासकर गवाही देने में व्यावहारिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। उन्हें लंबी दूरी तय करने के बाद अदालत में किसी कारणवश तय तिथि को गवाही या बयान दर्ज नहीं हो पाते, इस वजह से उनका समय बर्बाद होता है। इसलिए मोबाइल अदालतों में महिला व बच्चों को गवाही दर्ज कराने में प्राथमिकता दी जाएगा। उन्होंने बताया कि 15 अगस्त को उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान इन मोबाइल अदालतों को झंडी दिखाकर रवाना करेंगे।

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ऐसे काम करेगा मोबाइल कोर्ट

जिन वादकारियों के बयान दर्ज करने होंगे या गवाही होगी, यदि वह मोबाईल ई कोर्ट के माध्यम से बयान दर्ज करना चाहते हैं तो वह पैरा लीगल वालंटियर, राजस्व पुलिस, ग्राम प्रधान , ग्राम पंचायत विकास अधिकारी या अदालत से नामित व्यक्ति को लिखित अनुरोध करेंगे। फिर अदालत सबंधित के नजदीकी स्थान पर मोबाइल अदालत भेजेगी और वीसी के माध्यम से बयान लिए जाएंगे। उसे मोबाइल अदालत से संबंधित न्यायालय से कनेक्ट किया जाएगा। राज्य सरकार की ओर से आईटी तकनीक से लैस इंटरनेट सुविधा सहित मोबाइल वैन मुहैया कराई गई हैं।

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तबादला होने पर पुलिसकर्मी या डॉक्टर को मिलेगा लाभ

उन्होंने कहा कि यदि महिला या बच्चों से संबंधित मामले, दुर्घटना आदि से संबंधित किसी मुकदमे में पुलिसकर्मी या डॉक्टर के बयान या गवाही दर्ज होनी है और उनका जिले से तबादला हो गया तो मोबाइल अदालत वाले जिलों में तैनाती होने पर उनकी तैनाती वाले जिलों से ही गवाही की सुविधा मिलेगी। विधिक सेवा प्राधिकरण से संबंधित मामलों को भी इस मोबाइल अदालत से जोड़ा जाएगा। दिव्यांग वादकारियों या गवाहों को भी इससे बड़ा लाभ होगा।

इन जिलों में हो रही मोबाइल कोर्ट की शुरुआत

कुमाऊं में चम्पावत अौर पिथौरागढ़।

गढ़वाल में चमोली, उत्तरकाशी व टिहरी गढ़वाल।

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