अब सपा MLC के घर छापा, अखिलेश बौखलाए, साथ में करने वाले थे प्रेस कांफ्रेंस

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न्यूज जंक्शन 24, लखनऊ। कानपुर के इत्र व्यवसायी पीयूष जैन के यहां छापेमारी के बाद अब सपा एमएलसी पुष्पराज जैन (SP MLC Pushpraj Jain) उर्फ पंपी जैन की हाथरस के कस्बा हसायन में इत्र की फैक्टरी पर शुक्रवार को कई टीमों ने छापेमारी की कार्रवाई की। यह टीमें कई गाड़ियों में यहां आईं और अपनी कार्रवाई शुरू कर दी। यह फैक्टरी पिछले कई साल से बंद है।

पुष्पराज जैन (SP MLC Pushpraj Jain)  सपा के एमएलसी हैं। दोपहर तक उनकी फैक्टरी में छापेमार कार्रवाई की जा रही थी। बंद पड़ी इस फैक्टरी को कई टीमें खंगाल रही थीं। स्थानीय अधिकारियों को इस कार्रवाई से दूर रखा गया। वहीं इस कार्रवाई से क्षेत्र के अन्य इत्र व्यावसायियों में खलबली मची हुई रही।

इत्र कारोबारी पुष्पराज जैन (SP MLC Pushpraj Jain) अखिलेश यादव के करीबी है और हाल में उन्होंने समाजवादी इत्र लांच किया था। आज अखिलेश यादव कन्नौज में प्रेसवार्ता करने आ रहे थे उनके आने से पहले शुरू हुई कारवाई को लेकर हलचल बढ़ गई।

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पुष्पराज जैन (SP MLC Pushpraj Jain) के हरदोई मोड़ कोल्ड में नागरमोथा की जड़ें काफी मात्रा में मिली। इसके बाद टीम ने उसे बोरों में नमूने के तौर पर लिया है। पंपी जैन के अलावा मालिक मियां के बेटे फौजान मलिक के घर व कारखाने पर छापा पड़ा है। मालिक मियां दिवंगत हो चुके हैं। जिनके फर्म का नाम मोहम्मद याकूब मोहम्मद अयूब है।

प्रारंभिक छानबीन के बाद इत्र कारोबारी को जीएसटी अधिनियम के तहत गिरफ्तार करके न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। नकदी भी एसबीआई में जमा कर दी गई है। नियमानुसार इसकी एफडीआर बनवा दी गई। अब पान मसाला कारोबारी और ट्रांसपोर्टर की जांच तेज कर दी गई है।

ट्रांसपोर्टर प्रवीण जैन जीएसटी में कई बार ब्लैकलिस्ट हो चुका है। उस पर कर चोरी, ट्रक को पास कराने संबंधी तमाम आरोप लग चुके हैं। अब विभागीय अफसर उसके खिलाफ की गई कार्रवाई से जुड़ी जानकारी जुटा रहे हैं, ताकि कर चोरी के पूरे रैकेट का पर्दाफाश किया जा सके। पुष्पराज उर्फ पंपी जैन के कानपुर, कन्नौज, हाथरस, दिल्ली, मुंबई और लखनऊ के 35 ठिकानों पर आयकर की जांच जारी। कर चोरी की आशंका पर यह कार्रवाई की जा रही है।

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जानकारी जुटा रही डीजीजीआई की टीम

बीते वर्षों के दौरान इनके बीच हुए कारोबार की जानकारी जुटाई जा रही है। जांच एजेंसी यह पता कर रही है कि इनके बीच कितने साल से कारोबार चल रहा है, ट्रांसपोर्टर की इसमें क्या भूमिका है, कितने ट्रकों से कर चोरी या कैश इधर-उधर किया जा रहा था?

डीजीजीआई (महानिदेशालय जीएसटी इंटेलिजेंस) अहमदाबाद की टीम ने 22 दिसंबर को तीनों के ठिकानों पर एक साथ छापा मारा था। सूत्रों के अनुसार, कंपाउंड, पान मसाला और ट्रांसपोर्ट का एक-दूसरे से सीधा संबंध है। इस कारोबार में सबसे ज्यादा कर चोरी की संभावना होती है।

इस मामले में भी बड़े पैमाने पर कर चोरी पकड़ी गई है। पीयूष के शहर स्थित आवास से 177.45 करोड़ और कन्नौज स्थित आवास से 19 करोड़ रुपये मिले हैं। कोर्ट में पेश दस्तावेजों में पीयूष के बयानों के आधार पर डीजीजीआई ने इस धनराशि को टर्नओवर माना है।

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