UP: खुद को जिंदा साबित करने के चुनाव लड़ रहा ‘मुर्दा’ उम्मीदवार, खड़ा किया हाई वोल्टेज ड्रामा

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न्यूज जंक्शन 24, लखनऊ। यूपी विधानसभा चुनाव में इस बार अलग-अलग रंग प्रत्याशियों के देखने को मिल रहे हैं। इसी कड़ी में वाराणसी में भी अलग ही नजारा देखने को मिला। यहां एक प्रत्याशी (Santosh Murat Singh) खुद को जिंदा साबित करने के लिए चुनाव मैदान में उतरा। हालांकि उसका नामांकन खारिज हो गया, जिसके बाद उसने खूब हाई वोल्टेज ड्रामा खड़ा कर दिया। मगर शपथ पत्र की त्रुटि के कारण उसका नामांकन रद कर दिया गया।

बात हो रही है संतोष मूरत सिंह (Santosh Murat Singh) की। वह खुद को जिंदा साबित करने के लिए साल 2012 से चुनाव लड़ रहे हैं। मगर उनका पर्चा खारिज हो गया। फिर क्या था, संतोष ने अपना आपा खो दिया। जिला मुख्यालय के गेट से निकलते हुए उसने वहीं एडीएम सिटी गुलाबचंद के पैर पकड़ लिए और न्याय की गुहार लगाने लगा। जब बात नहीं बनी, तो अपने जीवित होने के प्रमाण के लिए संतोष मूरत खुद को गिरफ्तार करने की जिद को लेकर, पुलिस की जीप के आगे बैठ गया और फफक-फफककर रोने लगा।

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पुलिस के जवानों ने उसे बड़ी मुश्किल से सड़क से हटाया। मगर पुलिस ने उसकी इच्छा पूरी करते हुए उसपर शांति भंग करने की आशंका के आरोप में हिरासत में ले लिया और थाने ले गई। इस दौरान संतोष (Santosh Murat Singh) ने चुनाव प्रक्रिया पर काफी गंभीर आरोप भी लगाए। उसने बताया कि साजिश के तहत उसका पर्चा खारिज किया गया है। संतोष ने आरोप लगाया कि कहीं ना कहीं सत्ता मैं बैठे लोगों को डर था कि संतोष अपनी लोकप्रियता के कारण जीत न जाए। इसलिए ऐसा कदम उठाया गया है। संतोष (Santosh Murat Singh) का नामांकन रद होने के पीछे वजह शपथ पत्र की त्रुटि बताई गई है। लेकिन संतोष इस बात से इत्तफाक नहीं रखते हुए हाई कोर्ट जाकर चुनाव आयोग की शिकायत करने की बात कहता रहा।

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कौन हैं संतोष मूरत सिंह

वाराणसी के संतोष मूरत सिंह चौबेपुर के छितौनी गांव के रहने वाले है। वह लंबे वक्त से सिर्फ इसलिए चुनाव में हिस्सा ले रहे हैं, ताकि राजस्व विभाग उन्हें अपनी फाइल में जिंदा कर दे, जिससे वे अपने हिस्से की जमीन पट्टीदारों के कब्जे से वापस ले सके। संतोष (Santosh Murat Singh) ने नामांकन के दौरान बताया कि वे पिछले 20 वर्षों से निर्दलीय ही चुनाव लड़ते आए हैं, लेकिन जनसंघ पार्टी ने इस बार उन्हे टिकट भी दिया है। उनके पास वोटर आईडी कार्ड और आधार कार्ड भी है, लेकिन राजस्व विभाग की फाइल में उन्हें मृत घोषित कर दिया है।

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