CM धामी से मिलने के बाद कांग्रेस के कद्​दावर नेता प्रीतम सिंह का बड़ा बयान, बाेले- दे दूंगा इस्तीफा

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न्यूज जंक्शन 24, देहरादून। प्रदेश कांग्रेस के नए अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष के चयन के बाद पार्टी में असंतोष भड़क गया है। कुछ लोग इसे प्रीतम खेमे की गुटबाजी बता रहे हैं। इससे आहत कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह (Congress leader Pritam Singh) ने एक बड़ा बयान दिया है। सोमवार को उन्होंने कहा कि यदि विधानसभा में पार्टी गुटबाजी के कारण हारी है तो केंद्रीय नेतृत्व जांच कराए। उन्होंने कहा कि जांच में अगर दोषी पाया जाता हूं तो मुझे विधायक पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। बतौर प्रीतम मेरे पास विकल्प है। चकराता की जनता ने मुझे चुनकर भेजा है। मैं उनके विधायक के रूप में काम कर रहा हूं।

प्रीतम सिंह (Congress leader Pritam Singh) ने कहा पार्टी के प्रदेश महामंत्री संगठन वेणुगोपाल और प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने पार्टी की हार के लिए गुटबाजी को वजह बताया है। यह आरोप उन पर भी लगाए गए हैं। ऐसे में वह पार्टी हाईकमान से मांग करते हैं कि इस पूरे प्रकरण की जांच की जाए। यदि कोई गुटबाजी हुई है तो उनसे विधायक पद का भी इस्तीफा ले लिया जाए। प्रीतम सिंह ने कहा जब तक इस मामले में जांच नहीं हो जाती तब तक वे पार्टी में कोई पद नहीं लेंगे।

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कांग्रेस के कद्दावर नेता व विधायक प्रीतम (Congress leader Pritam Singh) रविवार देर सीएम पुष्कर सिंह धामी से भी मिले थे। जिसके बाद से प्रदेश की सियासत फिर से गर्म हो गई है। इस बीच प्रीतम सिंह के बयान ने इसे और बढ़ा दिया है। सीएम धामी से प्रीतम की मुलाकात से ठीक पहले कांग्रेस आलाकमान ने प्रदेश अध्यक्ष, नेता और उपनेता प्रति पक्ष के नामों का एलान किया था। जिस आशंका के चलते कांग्रेस आलाकमान एक माह से फैसला लेने में टालमटोल कर रहा था, वह सामने आते ही सच साबित हुई।

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प्रीतम सिंह (Congress leader Pritam Singh) का खेमा यशपाल आर्य, भुवन कापड़ी, करण माहरा को तवज्जो देने से ही भड़क उठा। कई लोगों के इस्तीफों ने प्रीतम खेेमे की नाराजगी पर मुहर भी लगा दी। इसके ठीक बाद अप्रत्याशित रूप से प्रीतम सिंह ने मुख्यमंत्री पुष्कर धामी से मुलाकात करके कई तरह की चर्चाओं को जन्म दे दिया। हालांकि इस मुलाकात के बारे में प्रीतम और मुख्यमंत्री दोनों के करीबी लोगों का कहना है कि चर्चा राज्य के विकास और बेहतरी को लेकर हुई। लेकिन मुलाकात जिस हालात में हुई उसको लेकर सियासी पंडितों का मानना है कि पार्टी में अपनी रुसवाई से क्षुब्ध प्रीतम अपने और अपनों के लिए सियासी विकल्प तलाश रहे हैं।

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