छोटी दिवाली : जरूर करें ये काम, नहीं रहेगा अकाल मृत्यु का भय

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न्यूज जंक्शन 24, हल्द्वानी। सभी लोग इस समय उत्सवी माहौल में डूबे हुए है। धनतेरस से शुरू हुआ पांच दिनी दिवाली के त्योहार पर हर दिन कोई न कोई त्योहार मनाया जाएगा। मंगलवार काे धनतेरस मनाया गया और अब बुधवार को नरक चतुर्दशी (Narak Chaturdashi) मनाई जाएगी। इसे नरक चौदस या छोटी दिवाली (Choti Diwali) भी कहा जाता है, जो दिवाली से एक दिन पहले आता है। आपको बताते हैं छोटी दिवाली की पूजा विधि, दिया जलाने का शुभ मुहूर्त और इस पर्व का महत्व।

नरक चतुर्दशी (Narak Chaturdashi) यानी छोटी दिवाली (Choti Diwali) को लेकर कहा जाता है कि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी पत्नी सत्यभामा के साथ राक्षसराज नरकासुर का वध किया था और संसार को उसके भय से मुक्ति दिलाई थी। जिसके बाद लोगों ने दीप जलाकर खुशियां मनाई थीं। इसलिए इस दिन छोटी दिवाली मनाई जाती है। इस दिन संध्या के समय पूजा की जाती है और लोग परंपरा के अनुसार दीपक जलाते हैं।

यमराज की होती है पूजा

इस दिन घरों में यमराज की पूजा की जाती है। छोटी दिवाली पर शाम के वक्त घर में दीपक लेकर घूमने के बाद उसे बाहर मुख्य दरवाजे पर रख दिया जाता है। इसे यम का दीपक कहते हैं। मान्यता है कि यमराज के लिए तेल का दीपक जलाने से अकाल मृत्यु भी टल जाती है। छोटी दिवाली (Choti Diwali) को सौन्दर्य प्राप्ति और आयु प्राप्ति का दिन भी माना जाता है।

छोटी दिवाली के शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, छोटी दिवाली (Choti Diwali) 3 नवंबर दिन बुधवार को है। इस दिन अभयंग स्नान अनुष्ठान करने के लिए शुभ समय सुबह 05:40 बजे से 06:03 बजे तक है। हनुमान जयंती की पूजा सुबह 9 बजकर 02 मिनट के बाद कर सकते हैं। शाम को यम दीपक जलाने के लिए शुभ समय शाम 6 बजे से लेकर रात 8 बजे तक रहेगा।

चांद की रोशनी में करें स्नान

छोटी दिवाली (Choti Diwali) के दिन सुबह या शाम को चन्द्रमा की रोशनी में जल से स्नान करना चाहिए। ध्यान रखें पानी गर्म न हो, ताजा या शीतल जल ही होना चाहिए। ऐसा करने से न केवल अद्भुत सौन्दर्य और रूप की प्राप्ति होती है, बल्कि स्वास्थ्य की तमाम समस्याएं भी दूर होती हैं। इस दिन दीपदान भी अवश्य करना चाहिए। शाम के समय घर की दहलीज पर दीप जलाएं और यम देव की पूजा करें। हनुमान जी की भी पूजा करें।

दीर्घायु के लिए जलाएं इस तरह दीपक

नरक चतुर्दशी (Narak Chaturdashi) पर मुख्य दीपक लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ्य के लिए जलता है। इसको यमदेवता के लिए दीपदान कहते हैं। घर के मुख्य द्वार के बाएं ओर अनाज की ढेरी रखें। इस पर सरसों के तेल का एक मुखी दीपक जलाएं। दीपक का मुख दक्षिण दिशा की ओर होना चाहिए। अब वहां पुष्प और जल चढ़ाकर लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ्य की प्रार्थना करें।

नरक से मिलती मुक्ति

नरक चतुर्दशी (Narak Chaturdashi) पर सुबह तेल लगाकर चिचड़ी (चमत्कारी पौधा) की पत्तियां पानी में डालकर स्नान करने से नरक से मुक्ति मिलती है। इस मौके पर ‘दरिद्रता जा लक्ष्मी आ’ कह घर की महिलाएं घर से गंदगी को घर से बाहर निकालती हैं।

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