तिरंगे की ताकत : जान पर बनी तो तिरंगे की शरण में आए पाकिस्तानी, भारतीयों ने स्प्रे और पर्दे से बनाया झंडा

450
खबर शेयर करें -

न्यूज जंक्शन 24, नई दिल्ली। यूक्रेन इन दिनों खतरनाक मोड़ पर है। रूस के हमले में वहां के हालात और भयावह होते जा रहे हैं। इस हमले में सैंकड़ों लोग जान गंवा चुके हैं। ऐसे में वहां रह रहे पाकिस्तानी (Pakistanis under Indain Flag), तुर्की, दक्षिण अफ्रीकी समेत कई विदेशी लोगों के लिए सुरक्षित निकलना बहुत बड़ी चुनौती बन गई है। इसमें भारतीय नागरिक भी शामिल हैं, जो  किसी तरह सुरक्षित जान बचाकर निकलने की कोशिश में हैं।

खास बात ये है कि अपनी मातृभूमि से दूर इन भारतीयों के लिए भारत का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा एक सुरक्षा कवच बनकर सामने आया है। इसकी पनाह लेने वालों को सुरक्षित यूक्रेन से निकलने में मदद मिल रही है। अब खबर है कि पाकिस्तान के लोग जो भारत के खिलाफ जहर उगलते हैं वो भी वहां से निकलने के लिए अपने झंडे की जगह तिरंगा (Pakistanis under Indain Flag) का सहारा ले रहे हैं और खुद को भारतीय बताकर वहां से निकल रहे हैं। यूक्रेन से लौटे भारतीय छात्रों ने ऐसी ही खबर सुनाई है, उनका कहना है कि जान बचाने के लिए पाकिस्तानी और तुर्की के छात्र अपने देश के बजाए भारत के तिरंगे की शरण ले रहे हैं।

यूक्रेन से रोमानिया के बुखारेस्ट शहर पहुंचे भारतीय छात्रों ने कहा कि राष्ट्रीय तिरंगे ने उन्हें और साथ ही कुछ पाकिस्तानी और तुर्की छात्रों को भी सुरक्षित निकालने में मदद की। यूक्रेन के शहर ओडेसा से आए एक छात्र ने बताया कि, हमसे कहा गया था कि तिरंगा साथ लेकर चलने से हमें कोई समस्या नहीं होगी। इसलिए हम सीधे बाजार गए और वहां से छह स्प्रे पेंट खरीदे। दूसरी दुकान से परदा लिया। इसके बाद परदा काटकर स्प्रे की मदद से दो तिरंगे बनाए।

भारतीय छात्रों का कहना है कि पाकिस्तान और तुर्की के छात्र (Pakistanis under Indain Flag) भी ऐसा कर रहे हैं। वे अपने देश के बजाय भारत का तिरंगा इस्तेमाल कर रहे हैं। खुद को भारतीय बताकर ही वे यूक्रेन से निकल पा रहे हैं। एक छात्र ने बताया कि, हमने ओडेसा से बस बुक की और माल्डोवा सीमा पर आ गए। इस दौरान एक बार हमारा सैनिकों से सामना भी हुआ। हमले पहले से ही बस के बाहर दो तिरंगे (Pakistanis under Indain Flag) लगा रखे थे, जैसे ही सैनिकों ने तिरंगे देखे, उन्होंने गोलीबारी रोक दी और हमें जाने दिया। छात्रों ने बताया कि माल्डोवा पहुंचने के बाद हमें किसी भी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़ा। यहां पर भारतीय दूतावास ने पूरी व्यवस्था की थी। हमारे लिए खाने से लेकर सभी जरूरत का सामान पहले से ही उपलब्ध था।

से ही लेटेस्ट व रोचक खबरें तुरंत अपने फोन पर पाने के लिए हमसे जुड़ें

हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें।

हमारे यूट्यब चैनल से जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें।

हमारे टेलीग्राम ग्रुप से जुड़ने के लिए क्लिक करें।

हमारे फेसबुक ग्रुप से जुड़ने के लिए क्लिक करें।